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Ekta shwet

Drama Inspirational

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Ekta shwet

Drama Inspirational

पापा मेरे पापा

पापा मेरे पापा

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सुबह की सुनहरी धूप में 

जिनकी मीठी आवाज जगाती 

वह मेरे पापा। 


ऑफिस जाने के टाइम पर 

मेरा दौड़कर टाटा कहना 

और वह धीरे से मुस्कुरा कर, कहते टाटा 

वह मेरे पापा ।


मेरे रूसने पर सौ बार मनाते 

मेरे भूखे रहने पर मेरी मनपसंद चीज खिलाते

 वह है मेरे पापा।


मेरे हर हठ को हंसकर पूरा कर जाते ,

भाइयों से ज्यादा मुझ पर प्यार दुलार जताते 

 वह मेरे पापा।


जन्मदिन में सबसे पहले तैयार हो जाते

 फल फुल मेवा मिठाई,केक व घर सजाते

 साथ में बड़े-बड़े उपहार लाते

 वह मेरे पापा।


 स्कूल में परीक्षा में खुद ले जाते व लाते 

 पेन पेंसिल प्रवेश पत्र का ध्यान दिलाते 

 परीक्षा फल आने पर सबसे

ज्यादा खुश हो जाते हैं

 कभी न टूटने वाला साहस देने वाले  

 वह मेरे पापा ।


बेटी खुश रहे उसको मिले अच्छा वर व ससुराल

 उसका रहे जीवन खुशहाल 

 इसके लिए जो कर रहे थे प्रयास ,

 जिन्होंने पढ़ ली मेरे मन की बात

 वह मेरे पापा


आज वह नहीं है पर

 मुझे हर पल होता है उनका एहसास 

 यू लगता है वो कहते हैं

 तू खुश हो तो मैं खुश बेटा 

 तू कभी ना होना उदास।

मन में हौसला बधांते हैं 

स्वप्न मे छवि दे जाते

वह मेरे पापा।


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