दुख मैं अपना जताऊं कैसे
दुख मैं अपना जताऊं कैसे
प्रत्यंचा को धनुष पर चढ़ाऊँ कैसे
दुख मैं अपना जताऊं कैसे
दुनिया ने मुझको पैरो तले दबा रखा है
खुद को इस भीड़ से अलग हटाऊं कैसे
एक बार को अलग हो गया भीड़ से
अब अपना रास्ता मंज़िल तक पहुंचाऊँ कैसे
एक कदम दूर हूं बस अपनी मंज़िल से
अपनी महानता को लोगों तक पहुंचाऊँ कैसे
