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Ekta shwet

Classics Inspirational

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Ekta shwet

Classics Inspirational

सतरंगी यादें

सतरंगी यादें

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कुछ सतरंगी यादें है

अब बंद आंखों के सपने है

आज फिर पलटे है पन्ने 

अतीत की गलियों के

जिससे जुड़ी जीवन की बाते है।


अब भी याद आती है वो गलियां

जिसमे बचपन में की थी अठखेलियां

सुबह का अलार्म

स्कूल की घंटियां

मंदिर में भोलेनाथ की गूंज

प्रसाद की टोकरियां


पापा के स्कूटर में मौज

मम्मी की गोल रोटियां

कोई गम न कोय परेशानी

हर तरफ आजादी ही आजादी

उमड़ते रहते थे कई जज्बात

प्रेम दोस्ती की होती थी बात


अब सबका व्यस्त जीवन आज

बस ये सतरंगी यादें है हमारे पास।


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