दिल की बात
दिल की बात
कहना तो ज़रूरी है
हाल क्या है आपके मिजाज़ का
हालात क्या है आपके दिल के
वो बयां करना तो ज़रूरी है
ऐसे ही नहीं की कोई जान ले
यूं ही नहीं की कोई पहचान ले
बात क्या छिपी है इस दिल में
कोई बिना कहे ये कैसे जान ले
बातें तो कई होती है दिमाग में
महसूस भी बहुत कुछ होता है दिल में
जाने बीच में क्या हो जाता है की
बात बस रह जाती है दिल ही दिल में
कुछ कहना है पर जैसे कहें
बहुत कुछ जताना है पर कैसे जताएं
प्यार तो बहुत है इस दिल में
पर उनको हम ये यकीन कैसे दिलाएं।

