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Priyanka Saxena

Drama Others

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Priyanka Saxena

Drama Others

होली ऐसे कैसे हो ली!

होली ऐसे कैसे हो ली!

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होली की मस्ती हो, धमाल हो, कुछ कमाल हो,

रंग से सराबोर हो, गुलाल की फुहार हो,

मस्ती का आलम हो, भांग का खुमार हो,

गुजिया की मिठास हो, दही बड़े की चाट हो,

कांज़ी का तीखापन हो, साथ एक पैग का हो,

रंग से लिपे पुते हम भी कभी इस महफ़िल की रौनक थे।

अभी तो इक टीका गुलाल का और लो जी हो गयी होली।

होली ऐसे कैसे हो ली! समझ से परे है?

इस सूखे प्रदेश में होली भी फीकी है,

मज़ा तो यारों, अपने देश व लोगों के साथ ही है होली का,

होली के रंग बिरंगे रंगो का,

जहां तन मन से होली का लुत्फ उठाया करते थे।

कभी हम भी होली मनाया करते थे।



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