इंसान
इंसान
अगर आसान होती जिंदगी
तो कौन करता बंदगी ?
यहां भगवान को भी मतलब से
याद करते है फुरसत में,
तो इन्सान को भी औकात से
बुलाते है पहचान से,
खुद को कभी खुदा और फरिस्ता बताते
तो कई बताएं बिना अपनापन जताते।
अगर आसान होती जिंदगी
तो कौन करता बंदगी ?
यहां भगवान को भी मतलब से
याद करते है फुरसत में,
तो इन्सान को भी औकात से
बुलाते है पहचान से,
खुद को कभी खुदा और फरिस्ता बताते
तो कई बताएं बिना अपनापन जताते।