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EK SHAYAR KA KHAWAAB

Fantasy Others

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EK SHAYAR KA KHAWAAB

Fantasy Others

शीर्षक----दिल की एक ख्वाईश।

शीर्षक----दिल की एक ख्वाईश।

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दिल की एक ख्वाहिश है मेरी।

तेरी गोद में सर रखकर चैन की नींद सो जाऊँ थोड़ी।


जो कभी पूरी ना हो ऐसी अनन्त नींद में खोकर।

दुनिया के गमों, शिकवों, दर्द को भूल जाऊँ थोड़ी।


तू मेरी जुल्फों को अपने नर्म हाथों से सँवारे।

और मुझे, तुझे दिल भरकर देख लेने का

कुछ वक़्त और मिल जाये थोड़ी।


बहुत सताया है तूने मुझे याद बनकर।

अब यादों की तस्वीर से निकलकर

अकेले में मिल जाओ न थोड़ी।


मैं तुझे अपने आगोश में कैद करना चाहती हूँ।

मगर ये मेरी बुरी किस्मत मेरा पीछा कहाँ छोड़ती थोड़ी।


ऐ खुदा तू उसे मुझसे छीन भी ले तो क्या।

मैंने उसे हर्फों में बसाया है,

तू मुझे मेरे हर्फों से दूर कर सकता थोड़ी।



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