।।सच्चा साथी।।
।।सच्चा साथी।।
मुश्किलों में दे जाए तेरा साथ कोई,
नहीं जताए कभी भी फिर अहसान कोई।
उसी को तुम सच्चा इंसान मानो।
इंसानों की पहचान जानो।
जो कह के न मुकरे कभी बात अपनी,
जो रखे कायम ज़ुबान अपनी।
सच्ची उसी की तुम जुबान मानो।
इंसानों की पहचान जानो।
यों तो बहुत हमदर्द मिलेंगे।
जीवन में कई दर्द मिलेंगे।
साथ निभाए जो मंजिल तक,
उसी को सच्चा हमदर्द मानो।
इंसानों की पहचान जानो।
कई तरह के हवा के झोंके
दे जाएॅ॑गे तुमको धोखे
दिल में जो आंनद को भर दे
उसी को सच्चा मेहरबान मानो।
इंसानों की पहचान जानो।
लालच भरी दुनिया भी मिलेगी।
ठोकरें कदम कदम पर लगेंगी।।
जो मन की तेरे पीर को समझे,
उसी को सच्चा यार मानो।
इंसानों की पहचान जानो।