रिश्तों का अहसास
रिश्तों का अहसास
रिश्तों की पोटली,
सहेज कर रखी थी,
दिल के किसी कोने में,
जब भी अकेले होता,
खोल कर पोटली,
निकाल लेता,
यादों के एल्बम से,
अपनों का साथ,
वो बीती बात,
वो प्यार की बरसात,
पलटता
एक- एक करके सारे पन्ने,
तलाशता उन रिश्तों को,
जो कभी थे अपने,
जो हो गए अब सपने,
वक्त की धुंध ने,
बंद कर दिया है,
उन रिश्तों को यादों के एल्बम में,
फिर भी दिल के एक कोने मेँ,
आज भी महफूज है,
रिश्तों की पोटली,
जो अहसास कराती है,
सुनेपन में अपनों का,
भरोसा दिलाती है,
रिश्तों की धड़कन का
ये पोटली
तभी दिल के कोने में महफूज है,
उम्मीद है,
फिर एक दिन खुलेगी ये पोटली,
मिलेगा अपनों का साथ,
रिश्तों का अहसास।