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manish shukla

Romance

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manish shukla

Romance

दिलरुबा

दिलरुबा

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सुन तू आहटे

दिल की ओट से

छ्न- छ्न आ रही दर्मियान

उस आवाज को

उसकी बात को

सुन ले तू जरा


दिलरुबा…दिलरुबा

तू ही ख्वाहिश तम्मना

मेरे सपनो का मकाम

दिलरुबा


खनखन ख्वाब है

तेरे पास है

मिल के तू जरा

रुक न आ

चल तो दो कदम

अब न- रुक न- थम


जा तू पास में छू जरा 

दिल बता तू जरा

तेरी चाहत और रजा

क्या कहना है तेरा

दिलरुबा


चल दे साथ में

बाहे थाम ले

राही मैं तेरा

मंजिल तू बता तू दिखा

दिलरुबा


रस्ता दूर है

तू मजबूर है

पर तू चल चला

कर ले तू यकीन

तेरी मंजिल भी वही

जो रस्ता तू चला तू बढा

दिलरुबा


आहट है सुनी

ख्वाहिश है बुनी

रस्ता अब दिखा

मैं चला

तू जो साथ है

मंजिल पास है


ये विश्वास है

पूरी हो रजा हर दुआ

दिलरुबा।


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