सुन तू आहटे, दिलरुबा….
सुन तू आहटे, दिलरुबा….
सुन तू आहटें,
दिल की ओट से
छ्न- छ्न आ रही दरमियान,
उस आवाज को,
उसकी बात को ,
सुन ले तू जरा,
सुन जरा..
दिलरुबा….दिलरुबा....
तू ही ख्वाहिश तमन्ना..
मेरे सपनों का मकाम...
दिलरुबा....
खन खन ख्वाब है,
तेरे पास है,
मिल के तू जरा,
रुक न, आ....
चल तू, दो कदम,
अब न- रुक, न- थम,
जा तू पास में छू जरा....
दिल बता तू जरा,
तेरी चाहत और रजा,
क्या कहना है तेरा
चल दे साथ में,
बाहे थाम ले
राही मैं तेरा,
तू मेरा
मंजिल पास है,
तू अब साथ है,
रास्ता,
तू बता, तू दिखा
दिलरुबा....
तू ही ख्वाहिश तमन्ना..
मेरे सपनों का मकाम...
दिलरुबा....
रास्ता दूर है,
तू मजबूर है,
पर तू चल चला,
बढ़ चला,
कर ले तू यकीन,
तेरी मंजिल भी वही,
जो रास्ता तू चला, तू बढ़ा
आहट है सुनी,
ख्वाहिश है बुनी,
रास्ता अब दिखा,
मैं चला,
तू जो साथ है,
मंजिल पास है,
ये विश्वास है,
पूरी रजा हर दुआ
दिलरुबा….
तू ही ख्वाहिश तमन्ना..
मेरे सपनों का मकाम...
दिलरुबा....