जीवन का पहिया , न रुकता , न थमता ...
जीवन का पहिया , न रुकता , न थमता ...


मौसम बदलते रहते हैं,
ऋतुएँ आती जाती हैं,
समय के चक्के पर,
आदमी यूं ही
दौडता रहता है,
बाधाओं को तोड़,
तूफानों को मोड़,
जिन्दगी
उम्मीदों के रथ पर,
सवार हो कर,
भागती रहती है,
न रुकने की चाह,
न थकने की आह,
हर हाल में,
जीवन का पहिया आगे,
बढ़ता जाता है।