सारे खत जो मेरे लिए हैं मेरी विरासत वो भूले-बिसरे खत। सारे खत जो मेरे लिए हैं मेरी विरासत वो भूले-बिसरे खत।
तुम कब आहिस्ता आहिस्ता मेरी चाहत बन गये हमें इल्म न था। तुम कब आहिस्ता आहिस्ता मेरी चाहत बन गये हमें इल्म न था।
जी जाती मैं भी खामोशियों पे मिरी ग़र तिरा ग़ौर हो जाए। जी जाती मैं भी खामोशियों पे मिरी ग़र तिरा ग़ौर हो जाए।
जब कलियाँ भी यहाँ महफ़ूज नहीं !! जब कलियाँ भी यहाँ महफ़ूज नहीं !!
प्यार और सम्मान का हक़ है बुज़ुर्गों को, फिर उन्हें बरगद की शीतल छाँव बनते देखा है ! प्यार और सम्मान का हक़ है बुज़ुर्गों को, फिर उन्हें बरगद की शीतल छाँव बनते द...
मिलेगा अपनों का साथ, रिश्तों का अहसास। मिलेगा अपनों का साथ, रिश्तों का अहसास।