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Dr.rajmati Surana

Romance

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Dr.rajmati Surana

Romance

हमें इल्म न था

हमें इल्म न था

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मुहब्बत के साये में तेरे इतना महफ़ूज रहेंगे इल्म न था, 

तेरे इश्क की चाह में हम ख्वाब देखेंगे इल्म न था।


मेरे खयालातों से सजी हुयी हुई है हर बज्म तेरी, 

तेरी दिल की बेचैनियाँ इतनी बढेगी हमें इल्म न था।


लब्ज़ों में मुझे बयान करते करते थक गये होंगे अब तुम, 

आँखें तुम्हारी ख्वाब देखती है मेरा हमें इल्म न था।


याद कर तेरे अहसासों को दिल बहुत उदास हो जाता है, 

तुम कब आहिस्ता आहिस्ता मेरी चाहत बन गये हमें इल्म न था।


एक बार रूह का रूह से मिलन हो ये छोटी सी ख्वाहिश है मेरी,

तेरी बाहों की पनाह में मिलता है इतना सुकून हमें इल्म न था।


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