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Dravin Kumar CHAUHAN

Fantasy Others

4  

Dravin Kumar CHAUHAN

Fantasy Others

रिश्ते निभा कर

रिश्ते निभा कर

2 mins
345


एक बार मोहब्बत की शमा जला कर देखो ना,

रिश्ते क्या है एक बार बीच की दूरियां हटा कर देखो ना।

जरा दिल की दुनिया सजा कर देखो ना,

रिश्तों में कितनी ताकत है एक बार इसके निभा कर देखो ना।

तुम्हें हो ना जाए मोहब्बत तो कहना,

एक बार अपने रिश्तों की अहमियत समझ और समझा कर देखो ना।

सरी दूरियां मिट जाएंगी, एक बार अपनों को गले लगा कर देखो ना।

रिश्ते क्या होते हैं, एक बार रिश्ते निभा कर देखो ना।

जरा एक बार नजरों से नजरें मिलाकर देखो ना।

सबके अंदर अपनापन झलकता है, एक बार अपना बना कर देखो ना।

एक बार अपनों के दुख में शामिल होकर देखो ना,

रिश्ते क्या है एक बार साथ निभा कर देखो ना। 

प्यार क्या है अपनापन क्या है, एक बार दिल से दिल मिला कर देखो ना।

अजमाना छोड़ एक बार अपनों से सच्चे मन से मिल कर देखो ना,

क्या होते हैं रिश्तों की अहमियत एक बार इसको निभा कर देखो ना।

सब भेदभाव मिट जाएगी सारी दूरियां सिमट जाएंगी,

एक बार अपने साथ कंधे से कंधा मिलाकर देखो ना।

एक बार रिश्तों को बिना तुला पर तोले मिलो ना।

क्या है आपका संबंध उनसे एक बार बता कर देखो ना।

दिल से दिल, मन से मन, कदम से कदम एक बार मिला कर देखो ना।

इस भाग दौड़ की दुनिया में, कभी अपनों के लिए समय निकाल कर उनसे मिलो ना।

अपना हक दिखाकर, उनके अधिकार बताओ ना।

रिश्ते खुद ब खुद सुलझ जाएंगे, एक बार मुस्कुरा कर देखो ना।

एक बार मोहब्बत की शमा जला कर देखो ना।

रिश्ते क्या है, एक बार अपने मन की दूरी मिटा कर देखो ना।।



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