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Dravin Kumar CHAUHAN

Classics Inspirational Others

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Dravin Kumar CHAUHAN

Classics Inspirational Others

बालीकाओं को बढ़ जाने दो रिंकी चौहान रिद्धि

बालीकाओं को बढ़ जाने दो रिंकी चौहान रिद्धि

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बालीका को बढ़ जाने दो 


बढ़ जाने दो लड़की है आगे 
निकल जाने दो मर्यादा है 
बने रहने दो, बालिका को आगे 
तक पढ़ लिख लेने दो, आगे 
निकल जाने दो, नए आविष्कार 
कर सफलता को पा लेने दो 
उसे अपने पूरे पंख फैला लेने दो
समाज में आगे निकल जाने दो
बढ़ जाने दो, सफलता की कुंजी 
उसके हाथों में है उस कुंजी को 
पा जाने दो, बच्ची को बढ़ जाने 
दो पढ़ लिख जाने दो इतिहास 
बगैर स्त्री के अधूरा रहता है पूरा 
हो जाने दो, बढ़ जाने दो 
कर सकते हो मदद तो करो वरना
बातें ना करो निकल जाने दो 
सही रास्ते पर चलने दो एक
किरण जगी है उसे प्रकाश हो 
जाने दो, सफल हो जाने तक
साथ रहो सफलता की कुंजी
शिक्षा भरपूर दे दो,पढ़ लिख 
जाने दो मान सम्मान गांव समाज
सब उसी से जुड़े हैं उन्हें साथ 
जोड़े रखो अगर बनते हैं बांधा तो
इन सबसे दूर हो जाने दो, 
निकल जाने दो सफल हो जाने
दो, समाज समाज अधूरा है 
उनके बगैर उन्हें भी हिस्सेदारा हो
जाने दो शिक्षा उनको प्रगति देगी 
आपके परिवार समाज को भी 
शिक्षा के हक अधिकार उन्हें भी 
है बनाए रखो, मिल न जाए 
सफलता जब तक तब तक साथ
सहयोग, मनोबल बनाए रखो 
मर्यादा है मर्यादा बने रहने दो 
आगे निकल जाने दो, सफर को 
खुशनुमा बनाए रखो आप सब
मिलकर सहयोग बनाए रखो 
समाज के धरोहर है बालिकाएं 
बालिकाओं को आगे बढ़ते रहने 
दो, संस्कृति संस्कार समाज की
धूरी है बालिकाएं उन्हें भारत की 
संस्कृति से जोड़े रखो बिना
भेदभाव बिना रोक-टोक के
उनके हक उन्हें दिलाते रहो 
समाज है समाज का उत्थान 
उन्हीं से है उन्हें बढ़ जाने दो 
पढ़ लिख कर आगे निकल जाने 
दो, सफल हो जाने दो सब उनका
अधिकार मिल जाने दो, आपके
सहयोग बने रहे उन्हें पढ़ लिख 
कर आगे बढ़ जाने दो सफल हो
जाने दो, पंख फैलाकर आकाश 
में उड़ जाने दो बालिकाओं को 
कन्याओं को उनका अधिकार 
दिलाने में सहयोग करो उन्हें आगे
निकल जाने दो, उन्हें
आधुनिकता के साथ गांव से भी 
जोड़े रखो भारतीय संस्कृति हैं 
उन्हें बचाए रखो



रिंकी चौहान रिद्धि


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