आजाद
आजाद
आजाद
हम आजाद हैं यह बात हर
व्यक्ति समाज घर या गांव
शहर में खुलकर हम कह
सकते हैं लेकिन हमारा आजादी
से दूर-दूर तक कुछ लेना देना
नहीं है, क्योंकि हम देश के लिए
सर्वोच्च बलिदान देने वाले अमर
शहीद सिपाहियों को भूल जाते हैं
बहुत से शहीदों को हम यूं ही
गुमनाम छोड़ देते हैं व्यापारी
व्यापार करते हैं शत्रुओं के साथ
खिलाड़ी खेल खेलते हैं शत्रु देश
के साथ कलाकार गीतकार
अपना अभिनय करते हैं
शत्रुओं के साथ किसी को
कुछ फर्क नहीं पड़ता अपने
को आजाद रखने वालों को लिए
कुछ ठोस कदम उठाया जाए
राष्ट्र के लिए राष्ट्र वीरों के लिए
अपना भी कुछ फर्ज बनता है
उन्हें निर्वाह करें देश के जवानों
के लिए अपने खुद का
उत्तरदायित्व का पालन करें
उनके हक की आवाज़ उठाएं
उन्हें समाज में एक उचित
पहचान मिले उन्हें भी गर्व हो
कि वह जो कर रहे हैं उन
पर उनके देशवासी गर्व करते हैं
हम आजाद होकर भी आजाद
नहीं जब तक मेरा देश आजाद
नहीं, भारत के लिए देश हित में
कार्य करने वालों को सदैव
सम्मान होना चाहिए, आजादी
दिलाने से लेकर सबकी बराबर
भागीदारी करने वाले सब का
सम्मान होना चाहिए, देश से
बढ़कर ना व्यापार होता है ना
होना चाहिए ना ही खेल होना
चाहिए ना अभिनय होना चाहिए
सबका ध्याए एक ही होना चाहिए
राष्ट्रीय सबसे पहले होना चाहिए
इसमें भी पहल होना चाहिए
देश हित के कार्य करने वालों
और देश के अमर शहीद जवानों
का सम्मान होना चाहिए, देश के
जवानों का सम्मान होना चाहिए
देश हित के लिए हर इंसान को
हर व्यक्ति को हर देश के नागरिक
को देश के लिए समर्पित होना
चाहिए यह हम भारतवर्ष के
लोगों को सीखना चाहिए
आजादी का असली मतलब
स्वयं आजाद नहीं बल्कि स्वयं
का देश आजाद होना चाहिए
स्वयं आत्मनिर्भर होना चाहिए
हमें आत्मनिर्भर की तरफ भी
एक कदम आगे बढ़ना चाहिए
द्रविण कुमार चौहान
जिला बहराइच उत्तर प्रदेश भारत
