Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Meera Ramnivas

Abstract

4  

Meera Ramnivas

Abstract

रात रोती है

रात रोती है

1 min
424



सूरज ढला, शाम हुई

 गोधूलि बेला आई

 समय ने अपनी कमान

उजाले से लेकर

अंधेरे को थमाई

चाँद आया तारे आये

चांदनी भी आई

धीरे धीरे

रात पर खुमारी छाई


चाँद ने चांदनी संग 

सफर शुरू किया

ओस को देख 

चाँद ने महसूस किया

ओस और रात का

जरूर कोई नाता है

क्या रात रोती है

कोई दुख सताता है


चाँद ने,  

रात से पूछ ही लिया  

रात ने चाँद से कहा

अनाथ आश्रम में पलते बच्चे,

रात को जब 

मां की गोद में सोने को तरसते हैं

मेरे नयन बरसते हैं। 

वृद्धाश्रम में रहते बुजुर्ग,

रात को जब

अपनों की याद में सिसकते हैं  

मेरे नयन बरसते हैं। 


सरहद पर हताहत सैनिकों के परिजन,

रात में जब

याद कर बिलखते हैं

मेरे नयन बरसते हैं । 

यौन हिंसा पीड़ित बेटी के मां पिता 

रात में जब रोते कलपते हैं

मेरे नयन बरसते हैं। 


दिन भर मजदूरी के बाद 

रात में मां जब बच्चों को

आधा भूखा सुला दुखी होती है

मेरे नयन बरसते हैं ।

स्कूल जाने की उम्र में नन्हे बालक 

रात दिन जब

बालश्रम करते हैं ,भीख मांगते हैं

मेरे नयन बरसते हैं ।  


देह व्यापार में, धकेली गई कन्याऐं

रात में जब

घर जाने को तड़पती हैं

मेरे नयन बरसते हैं।

मेरे अश्रु सुबह को

ओस बन बिखरते हैं ।।


   


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract