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Meera Ramnivas

Abstract Inspirational

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Meera Ramnivas

Abstract Inspirational

वह नारी है

वह नारी है

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वह नारी है "

वह नारी है

 नारी को साधु नहीं बनना 

 श्वेत भगवा वस्त्र नहीं पहनना  

उसे पसंद हैं लाल पीले हरे रंग 

उसे पसंद हैं उत्सव और उमंग 

बड़े मनोयोग से पर्व मनाती हैं

 पीहर ससुराल की रीत निभाती है

भागना वह जानती नहीं 

थकना वह जानती नहीं 

नारी घर में डूबी रहती है

 रिश्तों में उलझी रहती है 

 जंगल का रूख वह करती नहीं

 जिम्मेदारी से कभी थकती नहीं

वह नारी है

 पीहर की कुशलता में उसे रस है

 पति बच्चों की सफलता में रस है

 पड़ोस में उसे रस है

 ससुराल से पीहर की यात्रा में रस है

पलायन नारी जानती नहीं 

पराभव वह मानती नहीं

 वह नारी है।।


              



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