Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Meera Ramnivas

Abstract

4  

Meera Ramnivas

Abstract

मरुद्यान मरुस्थल

मरुद्यान मरुस्थल

1 min
314


सुख दुख रुपी

मरुद्यान मरुस्थल 

जीवन में आते जाते

 उद्वेलित उमंगित 

जीवन को कर जाते 

त्योहारों को हर कोई 

अपनों संग मनाना चाहता है

 त्योहारों पर हर कोई 

अपने घर जाना चाहता है

 बचपन का घर आंगन बुलाता है

 मां पिता का उदास चेहरा बुलाता है 

 अपनों से खुशियां अपार मिलती हैं

 बड़े बुजुर्गो से दुआएं मिलती हैं।

ये छोटे छोटे जल स्त्रोत से सुख

जीवन को मरूद्यान बना देते हैं।

 चौपाल पर बैठ सब बतियाते हैं।

 गांव भर की खैर खबर सुनाते हैं।

 कमला काकी की कमर झुक गई है

 उनकी बहू घर छोड़ कर चली गई है

सरुप चाचा की आंखों में लाचारी है

 दहेज बिन बेटी अबतक कंवारी है।

 ये सूखे जलस्त्रोत से दुःख

जीवन को मरुस्थल बना देते हैं ।।

    



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract