"प्यार"
"प्यार"
ये "प्यार" की कहानी है।
न जाने कितनी पुरानी है???
राधा की पायल, मीरा की वाणी है।
मजनूँ की आजमाई, लैला ने जानी है।
पाती है पीर की, रांझे औ हीर की।
आंसुओं की स्याही है, जीवन में रूसवाई है।
अंगारों पै पांव हैं पर, लबों पे मुस्कान है।
नयनों से बहता दर्द रूहानी है।
ये प्यार की कहानी है।।
अकेला सफर है, अकेली डगर है।
महफ़िल में तन्हा औ, तन्हाई में महफ़िल है।
हंस-हंस के रोना है, रो-रो के हंसना।
मन में कुछ और है तो, लब पे कुछ और है।
अफसाना बेजु़बानी है।
ये प्यार की कहानी है।।
फूलों की खुशबू है, कांटों की चुभन भी।
शहनाइयां खुशी की, परछाइयां गमों की।
दिलों के अमीर हैं, किस्मत से गरीब हैं।
दीवाने अजीब हैं, जलते हैं खुद ही औ
इश्क की करते हैं साधना।
रीत ये पुरानी है।
ये प्यार की कहानी है।।
बुनते हैं उजले ख्वाब, पर गम की काली रात,
दर्दोगम के अफसाने हैं, अपूर्ण दास्तानें हैं,
रस्में वही हैं, किस्में-वादे वही हैं
दुनिया के मारे, दिल बेचारे हैं,
खिल न सकी कलियां प्रीति की
मिट गईं कितनी जिंदगानी हैं??
ये प्यार की कहानी है।।
ये ही प्यार की कहानी है।।

