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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Fantasy Children

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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Fantasy Children

परिवर्तन

परिवर्तन

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परिवर्तन बिन ये जिंदगी,

जगती है बड़ी ही बेकार।

परिवर्तन जग का मूल है,

परिवर्तन से कर ले प्यार।।


परिवर्तन जीवन आधार है,

मिलता इससे जन प्यार है।

परिवर्तन नहीं चाहता जो,

मिलती उसको ही हार है।।


आएगा फिर बसंत कभी,

आएंगी फिर से वो बहारे,

थोड़ा कुछ सोच समझ ले,

परिवर्तन लगते हैं ये प्यारे।।


साइबेरियन सारस आते हैं,

भरतपुर बर्ड संचरी शान।

जलवायु में होता परिवर्तन,

बढ़ जाती है बड़ी पहचान।।


बदल गये दिन रात जगत,

बदल रहे है जन के काम।

परिवर्तन के कारण ही जन,

हो जाती है जग में शाम।।


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