परिचय
परिचय
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जैसे चिड़िया, चिड़िया होती है
कौआ, कौआ होता है
गाय, गाय होती है
भैंस, भैंस होती है
बकरी, बकरी होती है
वैसे आदमी, आदमी क्यों नहीं होता
क्यों होता है आदमी होने से पहले आदमी
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
क्यों पूछी जाती है आदमी से उसकी औकात
जात और धर्म
क्यों तौला जाता है उसे श्वेत, अश्वेत, बैंक बैलेंस और पदों में
क्यों कहा जाता है उसे यूरोपियन, अफ्रीकन, एशियन
क्यों आदमी का आदमी होना काफी नहीं है
परिचय के नाम पर क्यों हिस्सों में विभाजित
कर सीमा में बाँध दिया जाता है आदमी।