प्रेम फुहार
प्रेम फुहार
नैनों की चली कटार
दिलों के जो चले पार
मन होए तार तार
प्यार पहचानिये।
दिलो में खिले जो प्यार
प्रेम की चली फुहार
बीती बातें भूल सब
आगे बढ़ जाइये।
प्रेम की है ये सौगात
प्रेमी दोनों साथ-साथ
जन्म-मरण की बात
आज अपनाइये।
प्रेम की जो बही गंगा
घर में क्यूँ होये दंगा।
प्रेम विवाह को सब
गले से लगाइये।।

