होली का त्योहार
होली का त्योहार
होली का त्योहार आया,
खुशी की बौछार लाया।
मन में प्रेम का भाव
सभी के जगाइये।
गालों पे लगा गुलाल
रंगों की गिरी फुहार।
झूम-झूम सारा द्वेष
मन का मिटाइये।
भेद भाव भूलो सब
मिल-जुल रहो तब
जाति धर्म छोड़ सब
एकता दिखाइये।
अड़ोसी पड़ोसियों को
घर पे बुलाके साथ
गुझिये की मिठास का
आनन्द उठाइये।
लाल पीला हरा नीला
हाथों को करके ढीला
सजनी मुझको जरा
गुलाल लगाइये।
गुब्बारों में भरा रंग
मार मार फेंको तुम।
ऐसे कर कर तुम
दिल न जलाइये।
प्रीत की जो है ये डोर
प्रेम से जो चलती है।
ऐसे न इसको तुम
हाथ से गँवाइये।
होलिका दहन कर
बुराई को दूर कर।
होली के त्योहार को जी
पावन बनाइये।
फागुन महीना आया
होली भी है साथ लाया
झूम-झूम सब मिल
खुशियां मनाइये।
गुब्बारे में रंग भर
गिलास में भंग भर
यहाँ-वहाँ घूम फिर
गुलाल उड़ाइये।
पिचकारी तनके तू
डाल पानी की बौछार।
नफ़रतें दूर कर
प्रेमता फैलाइये।
त्योहारों से भरे इस
हिंदुस्तान को नमन।
अनेकता में एकता
सबको दिखाइये।।