घर के भेदी
घर के भेदी
बीत जाने के बाद कुछ वक्त
अब घर के भेदी भोंकने लगे हैं।
आस्तीन में बैठे साँप अपना
अब जहर उगलने लगे हैं।
निज स्वार्थ की खातिर तुम
क्या अपना अस्तित्व मिटा दोगे।
सत्ता हथियाने के लोभ में क्यों
दुश्मन को देश सौंपने लगे हैं।
जब हुआ एयर स्ट्राइक पाक पर
तब कुछ दिन तक तुम न बोले ।
वीर सिपाही भारत का पकड़ा
फिर भी लहू तुम्हारा न खौले।
जब मोदी जी के नेतृत्व से
पायलेट अभिनंदन घर आ गया।
अभिनंदन के घर अभिनंदन पर
फिर तुम्हारा सिंहासन क्यों डोले ?
क्यों ईर्ष्या द्वेष के भावों में
डूबा रहता विपक्षी परिवार है।
तारीफ करो उनकी जिनके
दिलों में देशभक्ति अपार है।
पार्टी तो आती-जाती रहती है
लेकिन यह देश रहना चाहिए
मोदी जी के अच्छे कर्मों का तो
सम्पूर्ण विश्व में हो
रहा प्रसार है।
राहुल ममता केजू भी सब
करते मोदी जी का विरोध हैं।
माया अखिलेश ओवेशी भी
बनते उनकी राह में अवरोध हैं।
कोई फर्क नहीं पड़ता देश के शेर को
गठबंधन की गीदड़ भभकियों से।
उनकी राष्ट्र हित हर इक नीति का
विरोधियों को भी मन में बोध है।
यह भक्ति नहीं यह शक्ति है
देशप्रेम की भली बात है।
एयर स्ट्राइक कर भारत ने
दुश्मन को दे दी मात है।
भारत के निकले सुत हो तुम
पिता से न जीत पाओगे।
पिता के आगे बिगड़े बेटे की
होती न कोई औकात है।
देश का विकास करने की
मोदी जी ने मन में ठानी है।
फिर भी विपक्ष वाले बने
न जाने क्यों अभिमानी हैं।
मोदी जी जैसा देशप्रेमी नेता
न था न होगा कभी जग में।
यह बात 2019 चुनाव में सबको
मोदी जी को जिताकर बतानी हैं।।