पैसा -मृत्यु के बाद
पैसा -मृत्यु के बाद
पड़ा था सड़क पर वह,
भूख-प्यास से बेहाल,
फटे मैले कपड़े पहने,
आवश्यकता थी चन्द पैसों की,
मिटाने को भूख, ढ़कने को तन,
देख कर भी अनदेखा कर,
चल देते आगे भरे जेब में पैसे वाले,
न बढ़ा कोई भी हाथ करने सहायता उसकी,
और लो ले लीं अन्तिम श्वास उसने,
लिये आस चन्द पैसों की।
देख लावारिस लाश,
डाल दी चादर किसी ने,
तो फेंक दिये कुछ पैसे किसी ने,
ढ़क गया तन, मिल गये पैसे मिटाने को भूख,
परन्तु कब……?
जब प्राण पखेरू उड़ गये,
न रही आवश्यकता ढ़कने की तन,
न रही आवश्यकता पैसें की मिटाने को भूख।
