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नविता यादव

Abstract Others

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नविता यादव

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मयखाने की ओर

मयखाने की ओर

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आओ दोस्तों थोड़ा झूम ले,

मयखाने की चौखट को चूम ले

मुद्दते हो गई है, उन गलियों में गए हुए

आओ आज सब मिल, उन गलियों में डोल ले।।

आओ दोस्तों थोड़ा झूम ले...

मयखाने की चौखट को चूम ले।।


आज दीदार कर आए उन बोतलों का,

जो अपने नशे के लिए मशहूर है

आज लबों से लगा ले उन प्यालों को

जो अपने जाम के लिए मशहूर है,

आओ दोस्तों थोड़ा झूम ले,

मयखाने की चौखट को चूम ले।।


बैठ जाए कुछ पल हम एक साथ

जाम से जाम टकरा ले

आओ पुरानी यादों को ताज़ा कर

हम ठहाका लगा शोर मचा ले,

आओ दोस्तों थोड़ा झूम ले

मयखाने की चौखट को चूम ले।।


देख आए क्या नया है मयखाने में,

कौन से नए ब्रांड सजे है उन दीवारों में,

क्या आज भी वही दिलकश अंदाज दिखाई देता है,

क्या आज भी वही मधुर संगीत सुनाई देता है,

आओ दोस्तों थोड़ा झूम ले,

मयखाने की चौखट को चूम ले।।


सुना है दारू गम भी भुला देती है,

जिगरी दोस्त साथ हो तो,

हर पल को रंगीन बना देती है,

आओ मिल एक - एक पैक लगा ले,

अपनी थकान को दूर कर,

थोड़ा - थोड़ा हम भी सुस्ता ले,

आओ दोस्तों थोड़ा झूम ले,

मयखाने की चौखट को चूम ले।।


बिखरे है दुनियादारी में,

बिजी है आजीविका कमाने में,

फुर्सत नहीं है कुछ पल मिलने की

आओ कुछ समय अपने लिए भी निकाल ले,

चलो मिल एक प्लान बना ले,

फिर उन मयखानों की साख छान ले,

आओ दोस्तों थोड़ा झूम ले,

मयखाने की चौखट को चूम ले।।


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