STORYMIRROR

Syeda Noorjahan

Romance Fantasy

3  

Syeda Noorjahan

Romance Fantasy

मुहब्बत होने दो

मुहब्बत होने दो

1 min
253

शाम का अक्स आंखों में उतरने दो

क्यों कैद है जुल्फ बिखरे तो बिखरने दो


शरीफों की महफ़िल में वो मज़ा नहीं 

अभी भोला है दिल बिगड़े तो बिगड़ने दो


परेशान हूँ बिगड़ी हुई क़िस्मत से

साथ दे कर अपना तक़दीर संवरने दो


आओ कभी दिल में रूह को घर करलो

मुझे आंखों से दिल में उतरने दो


उजालों को तरसता हूँ हर तरफ अंधेरे हैं

रौशन कर दो ज़िन्दगी अंधेरों से बिछड़ने दो


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance