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Umesh Shukla

Fantasy Inspirational

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Umesh Shukla

Fantasy Inspirational

मन से हरो दर्प औ अभिमान

मन से हरो दर्प औ अभिमान

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पग पग पर रावण खड़ा

करता विकट अट्टहास

प्रभु श्रीराम भी चकित हैं

सृष्टि का कैसा ये विकास

भौतिक संसाधनों के पीछे

दीवाने पूरे भारत के लोग

धन संग्रहण के लिए सतत

कर रहे वो मनमाने प्रयोग

अधिकांश के मानस से लुप्त

हुआ ममता, करुणा का भाव

चारों तरफ प्रभावी दिखता

प्रभुता के प्रदर्शन का चाव

दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा

है रावण कुटुंब का आकार

ऐसे में कैसे जीवित रहेगा

जग में सत्य और सदाचार

हे प्रभु मेरे देश के लोगों के

मन से हरो दर्प औ अभिमान

मानवता के मर्म को समझ के

बन सकें वो एक अच्छा इंसान



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