सभ्य-संस्कृति, संस्कार का दामन कभी ना छोड़ो तुम स्वयं दीप बन पथ पर चमको कर दो जग को रोशन तु... सभ्य-संस्कृति, संस्कार का दामन कभी ना छोड़ो तुम स्वयं दीप बन पथ पर चमको ...
हर बालक को सदाचार सिखा देना हर बालक को सदाचार सिखा देना
दिखाया सदाचार सा व्यवहार फ़ैलाने को अपना व्यपार लगाकर कंठ से ज़हर की फूक सोचते है नहीं हुई को... दिखाया सदाचार सा व्यवहार फ़ैलाने को अपना व्यपार लगाकर कंठ से ज़हर की फूक ...
कर्तव्य मार्ग में डटे रहें गतिमान रहे निरन्तर। कर्तव्य मार्ग में डटे रहें गतिमान रहे निरन्तर।
अब तो बह रही है चारों ओर से खून की नदियाँ इसे सूखा दे वो धूप की बारिश जानें कब होगी। अब तो बह रही है चारों ओर से खून की नदियाँ इसे सूखा दे वो धूप की बारिश जानें ...