मेरे दिल की बात
मेरे दिल की बात
मैं मवाली होता तो, मवाली लोगों की भीड़ रहती,
मैं एक सज्जन हूं, इस लिये अकेला पड़ गया हूं।
मैं आवारा होता तो, आवारा लोगों की भीड़ रहती,
मैं एक संस्कारी हूं, इस लिये अकेला पड़ गया हूं।
मैं दुर्जन होता तो, दुर्जन लोगों की भीड़ रहती,
मैं एक खानदान हूं, इस लिये अकेला पड़ गया हूं।
मैं बेवफा होता तो, बेवफा लोगों की भीड़ रहती,
मैं एक वफादार हूं, इस लिये अकेला पड़ गया हूं।
मैं गद्दार होता तो, गद्दार लोगों की भीड़ रहती,
मैं एक देश प्रेमी हूं, इस लिये अकेला पड़ गया हूं।
"मुरली" बेईमान होता तो, बेईमान लोगों की भीड़ रहती,
मैं एक ईमानदार हूं, इस लिये अकेला पड़ गया हूं।
