अटूट रिश्ता
अटूट रिश्ता
एक कागज़ और कलम के साथ सफर शुरू किया है,
कोई पूछे की क्या मिला है? क्यों मन इसमें परोया है ?
शब्दों को पढ़कर-लिखकर हमने आपने आपको पाया है,
सभी रिश्तो में, मेरा मुझसे भी एक अटूट नाता मेने बनाया है।
रोज़ कुछ नया सीखने-लिखने की उम्मीद ने उत्साह बढ़ाया है,
खुद को रोज़ थोड़ा बहेतर बनाने की बात में ही सुकून पाया है।’