शब्द-साधना
शब्द-साधना
मुझे हर बार एक ही बात याद आती है,
मेरी 'माँ' की वो हर दुआ जरूर काम आती है।
मंदिर का परिसर, वो धरती, तन में एक अलग ऊर्जा लाती है,
सारे जहाँ में उस ईश्वर के चरणों में ही शांति छुपी होती है।
खा-पीकर पेट भरने की मति तो जानवर के पास भी होती है,
सतकर्म कर के ईश्वर की और आगे बढ़ना ही सच्ची गति होती है।