जिंदगी के तूफानों से सामना
जिंदगी के तूफानों से सामना
जिंदगी एक तूफान से कम नहीं
जब शांत होती है जब किसी खुशगवार से कम नहीं।
जिंदगी किसी तूफान से कम नहीं
जब कभी तूफान आ जाता है तो
जिंदगी की शांति को उड़ा ले जाता है
उस तूफान में जो स्थायीत्व वाले रिश्ते और लोग होते हैं
यह तूफान थमने की राह देखकर बच जाते हैं।
और तूफान के सामने अडिग खड़े रहते हैं।
और जो कमजोर होते हैं वे रिश्ते कमजोर पत्ते पेड़ों के
जैसे हवाओं के हवा के साथ उड़ जाते हैं।
इसीलिए ए बंदे ना किसी तूफान में तुझे उड़ाने की
ताकत हो ऐसा स्थाईत्वं को तू जिंदगी में ला।
ताकि कोई तूफान की ताकत नहीं तो जो
तेरी जिंदगी को चक्रवात की जैसे उड़ा सकें।
अपने आप को इतना मजबूत कर जो तूफान को भी रोक सके
क्योंकि तूफान तो अस्थाई होते हैं स्थाई तो जिंदगी होती है।
और हमें जिंदगी को स्थाई बनाना है।
ना कि तूफान के हल्के से झोंके से उड़ जाना है।
