बेईमानी की हवा चली जिसमें सब हाथ धो रहे। बेईमानी की हवा चली जिसमें सब हाथ धो रहे।
कह धीरू कविराय, लगा रहता है अर्जन। नफ़रत दे या प्यार ,ज्ञात हो जाता दुर्जन। कह धीरू कविराय, लगा रहता है अर्जन। नफ़रत दे या प्यार ,ज्ञात हो जाता दुर्जन।
दुनिया तो हँसेगी, फिर ताने कसेगी, बातों ही बातों में, सांप जैसी डसेगी। दुनिया तो हँसेगी, फिर ताने कसेगी, बातों ही बातों में, सांप जैसी डसेगी।
संभवामि युगे युगे,कह कर वापस तो नहीं आये कान्हा। संभवामि युगे युगे,कह कर वापस तो नहीं आये कान्हा।
कालनेमी को लगे बजरंग, अब उर से लगाने... इसलिए पतझड़ बसंतो को, लगे हैं मुँह-चिढ़ाने... आप माने या... कालनेमी को लगे बजरंग, अब उर से लगाने... इसलिए पतझड़ बसंतो को, लगे हैं मुँह-चि...