ब्राह्म मुहूर्त से चले तुम्हारे दिन रथ के घोड़े रात के मध्यम पहर तक झुलसते ज़िंदगी के संघर्ष स... ब्राह्म मुहूर्त से चले तुम्हारे दिन रथ के घोड़े रात के मध्यम पहर तक झुलसते ...
कालनेमी को लगे बजरंग, अब उर से लगाने... इसलिए पतझड़ बसंतो को, लगे हैं मुँह-चिढ़ाने... आप माने या... कालनेमी को लगे बजरंग, अब उर से लगाने... इसलिए पतझड़ बसंतो को, लगे हैं मुँह-चि...
तन बचपन का हों ना सके मन बचपन सा हो जाए बच्चो जैसे खेले हम बच्चो से हम सो जाए जीवन का हर पल हो... तन बचपन का हों ना सके मन बचपन सा हो जाए बच्चो जैसे खेले हम बच्चो से हम सो ज...