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Phool Singh

Drama Action Classics

4  

Phool Singh

Drama Action Classics

बालासोर में ट्रेन हादसा

बालासोर में ट्रेन हादसा

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आँखों में कुछ सपने लेकर

निकल चले सब ट्रेन पकड़कर 

किसने सोचा अब क्या होगा, कैसे जीवन काल का ग्रास बनेगा।।


घूमने की आश कहीं कोई तलाश 

कहीं अपना होगा आज कल में पास 

कितने लोग और सपने हजार, किसकों पता काल खड़ा करने ग्रास।।


कुछ रोए कुछ चिल्लाते होंगे 

अनगिनत घाव भी खाएं होंगे  

कुछ अपंग, विकलांग, अपाहिज हालत में, कुछ तो समा गए मौत की गोद में।।


रेलगाड़ियों का टकराव भयंकर

तांडव मचाया जो बड़ा प्रलयंकर

मातम मचाता काल प्रचंड, पल में उजड़ गए जानें कितनों के घर।।


क्या ज्ञान-विज्ञान सब धरा रहा गया 

न सही ट्रैक का पता चला

सबकी उम्मीदों पर पानी फिरा था, कैसे कोई ट्रेन हादसे का शिकार हो गया था।।


नम आंखों से याद उन्हें करता 

श्रृद्धा सुमन में अर्पित करता 

खो गए जो है इस मंजर में, उनकी खातिर ईश्वर से मैं प्रार्थना करता।।


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