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AMAN SINHA

Drama Romance Tragedy

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AMAN SINHA

Drama Romance Tragedy

मैं मर रहा हूँ

मैं मर रहा हूँ

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ना दुःख है ना सुख है ना है कोई कामना

जीवन का सत्य से आज हो रहा है सामना

ना है कोई शिकवा ना है कोई रंजिश

बस सुकूं ही सुकूं है ना है कोई बंदिश 


सब ये सोचते है ये मुश्किल डगर है

पर मैं ये जानता हूँ ये अंतिम सफर है

जो पहुंचा है यहाँ तक कभी हारा नहीं है 

वापसी का यहाँ से कोई चारा नहीं


बचपन को अपने देखा जो मुड़कर

बिसरी सी यादों से देखा है जुड़ कर

मुझे बेचैन करती है वो बचपन बातें 

ठंडी के वो दिन और गर्मी की रातें


है सब छोड़े जाना यहीं पर सभी को

नहीं संग है जाना किसी के किसी को

जो रोते है हमको अपना बता कर

नहा कर के लौटेंगे हमको जलाकर


है मरने का ग़म नहीं मुझको लेकिन

काटेगी कैसे वो ना उम्मीदी के दिन

बच्चों के खातिर है अब उसको जीना

चाहे ग़म से कितना भी फटता हो सीना


ना रोएगी वो भी मुझे ये यकींं है

अब उम्मीद सारी उसी पर टिकी है

वही मर्द घर की जनाना वही है

दुनिया के तानों का निशाना वही है


मुझे ग़म है उसको यूं छोड़ने का

आधे सफर में यूं मुंह मोड़ने का

मगर क्या करूँ मैं की मुमकिन नहीं है

कि साँसों को चलने की मोहलत नहीं है


रहूँगा नहीं मैं वो सब जानती है

सभी के नज़र को पहचानती है

बहाने बनाती है बच्चों के आगे

कैसे कहेगी वो सब है अभागे


सजना सँवरना सब गुम हो गया है

चमकता सा चेहरा अब सुन्न हो गया है

होंठों पे लाली ना माथे पर बिंदी 

कोरी सी साड़ी में लगेगी वो गंदी


मुझे माफ करना जो तुमको रुलाया

कभी भूले से तेरा दिल जो दुखाया

कहना ये बच्चों से मैं मारता था उन पे

खुद से भी ज्यादा प्यार करता था उनसे


अब चलने का मेरे समय आ गया है

लेने मुझको देखो वो दूत आ गया है

है उसको भी मेरी जरा सी जरूरत

नए साँचे में ढलनी है मेरी भी सूरत


ना रोना कभी तुम ना उन्हें रोने देना

पलकों से आँसू टपकने ना देना 

हंसी मुझको आएगी तेरी उस हंसी से

विदा जब करोगे तुम मुझको खुशी से


रहूँगा मैं भी कैसे तुमसे बिछड़ कर

तुम्ही से मिलूंगा फिर से जनम कर

 मैं लौटूँगा एक दिन सब ये जान लेना

मुझे देख कर तुम बस पहचान लेना


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