लौट आओ..!
लौट आओ..!
ज़िंदगी में ना सही
कभी ख़्वाबों में
कभी ख़यालों में
तो कभी यूँ ही
आँखों में समन्दर बनकर
कैसे भी हो
हो सके
बस तुम लौट आना .
दुनिया से तुम थी या नहीं
पर तुममें मेरी दुनिया थी..
तुम बिन मैं अधूरी
और दुनिया मेरी बिखरी है पूरी
कैसे भी हो
हो सके तो लौट आओ..
लौट आओ कि...!