तब्दील
तब्दील
तुम्हारा प्रण था बेहतर को और बेहतर बनाना
तो फिर जवाब दो कि जिंदा इंसान सुलगती
लाशों में कैसे तब्दील हो गया
तुम्हारी मीठी मीठी मीठी वाणी ने इतनी जो मिठास घोल दी
तो फिर बताओ किसने भीड़ को महामारी में तब्दील कर दिया
जी का जंजाल बना तेरी आगोश में आना
गले का दुपट्टा न जाने कैसे फांसी के फंदे में तब्दील हो गया
जीवनदायिनी गंगा के तटों पर मौत ऐसे बरसी
मंजर साहिलों का श्मशान में तब्दील हो गया
मर्जी को तुम्हारी किस्मत बनाने का नतीजा
कुछ यूं भुगता हमने
हराभरा गुलशन उजड़े मकानों में तब्दील हो गया
आसमान बेचकर चाँद खरीदने को समझा था खूबी हमने
सूरज का गुस्सा गर्म लावे में तब्दील हो गया
कितने इम्तिहानों से गुजरे है "नालन्दा" क्या बताये तुम्हें
बहता दरिया भी मरुस्थल में तब्दील हो गया।