Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Kavita Verma

Tragedy

4  

Kavita Verma

Tragedy

शब्द ब्रह्म

शब्द ब्रह्म

1 min
411


अब जब निकल आई हूँ 

उस खतरे दर्द पीड़ा और आशंका से 

लिखना चाहती हूँ उन दिनों को 

जो ड्रिप की हर बूंद के साथ 

उतर चुके हैं नसों में। 

आज भी रिस रहे हैं वे 

पल पल 

शब्द लेकिन इस रिसन में

 बह चुके हैं। 


सांसों के लिए लड़ते लोगों की 

वह आवाज 

जो चीख और बेबसी में लिथड़ कर 

अजीब सी खांसी में तब्दील हो जाती थी 

अब भी गूंजती है कानों में 

लेकिन उस आवाज को लिखने के लिए 

ककहरा कम है। 


तमाम डाक्टरों नर्सों के साथ 

तमाम दवाओं आक्सीजन के बीच 

हर चेहरे पर छाया वह खौफ 

आँखों में जलती बुझती वह आस 

किन शब्दों में लिखूं नहीं जानती। 


जानती हूँ तो बस यही 

कि दुआओं में कहे गये शब्द 

प्रार्थनाओं में दी गई आवाजें ही 

वे शब्द हैं जो सबसे ताकतवर हैं 

जिन्हें लिखे बिना भी पहुंचाया जा सकता है 

असीम ब्रम्हांड तक 

जिन्हें सुने बिना भी समझा जा सकता है 

वही शक्ति है जो बचा सकती है 

किसी के प्राण। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy