अन्धविश्वास
अन्धविश्वास
इन झूठे फरेबी अंधविश्वासों से
बनते काम बिगड़ जाते हैं
इन बेकार के जादू टोनों से
कितने घर उजड़ जाते हैं
घर से निकलें बारात लेकर काली
बिल्ली रास्ता काट गई
मन में पक्का विश्वास जगा कोई
अपशकुन जरूर होगा
बारात वापस लौट गई अब कहो
अपशकुन तब होता या अब हुआ
किसी की बेटी ने अपनी जान गंवाई
तो किसी बाप ने अपनी पगड़ी
कोई नींबू मिर्ची टांगे चौखट पर
कोई गाड़ी को बुरी नज़र से बचाएं
जब नशे में धुत होकर वाहन चलाएं
कोई नींबू मिर्ची काम ना आये
सरकारी नौकरी के लिए इंटरव्यू देने
बन थन कर घर से निकलें
किसी ने जोर से झींक मारी गुस्से में
तमतमा कर फाइल कही फेंकी
शर्ट , टाई भी उतारी समय पर पहुंच
किसी ने अफ़सर की कुर्सी पर बैठ
खूब वाह वाही पाई
कई सालों बाद भी जब बहू
गर्भवती ना हो पाये
सास उसको लेकर रोज़ तांत्रिकों
के चक्कर लगाये
अपने घर किलकारी गूंजे इसलिए
किसी मां की कोख उजाडे
रक्त से सींची बगिया में कोई
फूल कभी ना खिल पाएं
दूजे का बुरा कर क्या कभी
किसी का भला हो पाएं
शकुन अपशकुन के घेरे में आ
कितने अपनी जान गवां बैठे
अन्धविश्वास ने हवा में इस कदर
जहर फैलाया है
बिना ड्से अपने विष से हम सबको
जहरीला बनाया है ।।
