Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

कुमार अविनाश (मुसाफिर इस दुनिया का )

Romance Tragedy

4  

कुमार अविनाश (मुसाफिर इस दुनिया का )

Romance Tragedy

हम तनहा ही रह गये

हम तनहा ही रह गये

1 min
365


रो पड़ी आज कलम भी दर्द लिखने में

आँसुओं के सैलाब में सपने भी बह गये

दो कदम चले थे हम मोहब्बत के राह पर

दुस्वारियां मिलीं हमें हम तनहा ही रह गये


जहाँ इश्क का नशा था वहाँ अब स्याह रात है

बुझा हुआ है मन मेरा बुझे-बुझे से खयालात है

जो पास थी वो दूर है कहीं अश्क में लिपटी हुई

खुश्बू भी उसके अक्स की हवाओं में बह गये

दुस्वारियां मिलीं हमें हम तनहा ही रह गये


रहबर से हर एक मुलाकात है याद आज भी

हँसी ठिठोली, इश्क से लबरेज़ हर अल्फाज़ भी

गूंजते वो शब्द जब कानों में तन्हा स्याह रात में

हर एक हसीं पल को पल भर में कह गये

दुस्वारियां मिलीं हमें हम तनहा ही रह गये.


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance