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AVINASH KUMAR

Romance Tragedy

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AVINASH KUMAR

Romance Tragedy

हम तनहा ही रह गये

हम तनहा ही रह गये

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रो पड़ी आज कलम भी दर्द लिखने में

आँसुओं के सैलाब में सपने भी बह गये

दो कदम चले थे हम मोहब्बत के राह पर

दुस्वारियां मिलीं हमें हम तनहा ही रह गये


जहाँ इश्क का नशा था वहाँ अब स्याह रात है

बुझा हुआ है मन मेरा बुझे-बुझे से खयालात है

जो पास थी वो दूर है कहीं अश्क में लिपटी हुई

खुश्बू भी उसके अक्स की हवाओं में बह गये

दुस्वारियां मिलीं हमें हम तनहा ही रह गये


रहबर से हर एक मुलाकात है याद आज भी

हँसी ठिठोली, इश्क से लबरेज़ हर अल्फाज़ भी

गूंजते वो शब्द जब कानों में तन्हा स्याह रात में

हर एक हसीं पल को पल भर में कह गये

दुस्वारियां मिलीं हमें हम तनहा ही रह गये.


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