कंजूस कमेंट
कंजूस कमेंट
कहने के लिये
हम आपके लिए
क्षितिज के तारे तोड़ लायेंगे,
पर अपने टेलीफोन
के नंबर को
साझा नहीं कर पाएंगे !
नंबर देने की जहमत
जहन में आती नहीं
बात करने की, बात
तो दूर रही....
आपको हम यूँ ही भूल जायेंगे,
करीब से गुजरेंगे भी
तो शायद ही
हम आपको पहचान पाएंगे !
आप क्यों ना भले
हमें अपनी
भंगिमाओं से रिझायें,
अभिनन्दन पत्र
की मालाएँ
हमारे गले में क्यूँ ना
लटकायेंगे !
अच्छे-अच्छे पत्रों की
श्रृंखला लिखकर
आप हमें क्यूँ ना भेजें,
हमने तो कसम खा रखी है
'बोल बम' के कमेंटों से ही हम
आपको भरमाते रहेंगे !
भूले से...
मिलने की ललक होगी
उनको
हम रहेंगे दिल्ली तो
उनको झुमरीतिलैया
ही बतायेंगे,
आफत क्यों.. गले लगायें ?...
'लाइक' केवल कर देंगे !
किसे आज कल समय मिलता है
जो कोई कुछ लिख देगा,
और कुछ हो ना हो
'जय हो' नारों से
अपना कमेंट कर देगा !
हम अपनी ही धुनों
पर नांचेंगे
और लोगों को दिखायेंगे।
लिखने की तो
बात कहाँ
पढ़ेगे तो
पागल बन जायेंगे !
अभिनय की मुद्रा से ही
हम तो सारे
जग को भरमायेंगे,
मित्रों की टोलियाँ बनवा कर
अपना परचम लहरायेंगे !
