रास्ते
रास्ते
नाराज़ वो हमसे थे कुछ इस तरह
मगर वो खुद से भी खफा हो गए
सपने टूटते देख मेरे
उनके ख्वाब भी तबाह हो गए
हम साथ नहीं रह सकते
वो खुद मुझसे दूर हो गए
चेहरे पर झूठी मुस्कान थी
कुछ इस कदर, हम दोनों मजबूर हो गए
नज़रें मिलाये बिना ही
हम उनके मुखातिब हो गए
जो फैसले हमें नामंज़ूर थे
वही अब मुनासिब हो गए
हम उनके बहुत करीब थे
हमेश के लिए, उनसे दूर जो हो रहे थे
वो बन्द आँखें नम हो गईं
आखिरी बार, उन्हें देख जो रहे थे
हम मुस्कुराते हुए उनसे दूर चल दिए
जान बूझकर, अपने रास्ते बदल दिए
वो बदलते रास्ते
कभी तो टकराएँगे
ये सोच...हम उनका इंतज़ार कर रहे थे।