कश्मकश
कश्मकश
हमने आँखें मूँद ली
वो सपने कहीं दब से गये
जो रोज़ बहा करते थे
आज वो आँसू थम से गये
वो नाज़ुक दिल के साथ
आज हिम्मत भी टूट गई
कितना मनाने की कोशिश की
किस्मत फिर भी रूठ गई
नींदों के साथ साथ
सपने भी ओझल हो गए
गुज़रते वक्त के साथ
हम खुद ही पर बोझल हो गए
वो दिल के मासूम ख्याल
किसी कश्मकश में खो गए
वो जो अपने लगा करते थे
धीरे धीरे, दूर हो गए
मेरी हालातों ने
मेरे ख्याल बदल दिए
ज़िन्दगी की राहों पर
हम अकेले चल दिए।