मुलाकात
मुलाकात
दुनिया के शोरगुल से दूर एकांत मिला,
जहाँ एक बार फिर,
मैं अपने आप से मिला
खो चुका था जिसे कभी
उस शख्स से मिला
जिसे भूल गया था मैं
उस वजूद से मिला
कितनी ही बातें थीं
जो उसे कहनी थीं
आज उससे बात कर
उसके चेहरे पर सुकून मिला
कितने ही ख्वाब थे
जो उसने देखे थे
उन्हें पूरा करने का
उसकी नज़रों में जुनून मिला
न जाने क्यों, वो बदल गया है
वजह जान दिल सहम गया है
कि उसमें आए बदलाव में
गैरों के साथ, अपनों का हाथ मिला
कहीं खो से गए थे
उसके मन के अल्फ़ाज़
आज लिखने बैठा तो
कलम का पूरा साथ मिला
दुनिया के शोरगुल से दूर एकांत मिला,
जहाँ एक बार फिर,
मैं अपने आप से मिला...