STORYMIRROR

Rajit ram Ranjan

Drama Romance

4  

Rajit ram Ranjan

Drama Romance

मैं क्या लिखता कोरे पन्ने पे..

मैं क्या लिखता कोरे पन्ने पे..

1 min
270

सोचा कि कुछ लिख दूँ, 

मोहब्बत कि दास्तां, 

पर क़लम उठाया औऱ रख दिया 

अचानक से उसकी याद आई, 


मैंने क़लम फ़िर उठाई, 

सोचा कि अब तो कुछ लिख ही दूंगा 

पर विचार बदल गया, 

पैर डगमाये पर मैं संभल गया, 


इस बार कि भी होली को कोरा पन्ना 

कोरा ही रह गया 

दिल में मोहब्बत थी, 

ये बात वो जानती थी, 


मैं क्या लिखता कोरे पन्ने पे, 

वो तो मुझे अपना मानती थी !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama