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Goldi Mishra

Drama Inspirational

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Goldi Mishra

Drama Inspirational

ज़रा मुस्कुरा लो

ज़रा मुस्कुरा लो

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ज़रा बेवजह मुस्कुरा लो,

कभी तो दो पल खुद के लिए झूम लो,।।

ज़रा उन खिलखिलाते बच्चों को देखो,

उनमें मुस्कुराते उस बचपन को देखो,

चारो ओर मुस्कुराहट बिखरी है,

होठों की हसी से गालों की लाली निखरी है,।।


ज़रा बेवजह मुस्कुरा लो,

कभी तो दो पल खुद के लिए झूम लो,।।

गर्म प्याली चाय की सौंधी मुस्कुराहर दे जाती है,

कोई धुन तन को सराबोर कर जाती है,

ढूंढों ज़रा ना जाने मुस्कुराहट कहा खो गई,

अभी तो होठों पर थी ना जाने कहा चली गई,।।


ज़रा बेवजह मुस्कुरा लो,

कभी तो दो पल खुद के लिए झूम लो,।।

मुस्कुराती उस बहती झील को देखो,

सागर से मिलने को आतुर उस झील को देखो,

कोयल भी आज देखो कैसी मुस्कुराई है,

किसी के आंगन में आज बाजी खुशी की शहनाई है।


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